शिक्षा एक रोजगार
प्राइवेट स्कूल
आज भारत में शिक्षा को एक व्यापार बनाया जा रहा है। जो प्राइवेट स्कूल कालेज है उन्हें कि भारी भरकम फीस है। आज प्राइवेट स्कूल मे जो टीचर आते हैं उनकी क्वालीफाई 12 वी से लेकर ग्रेजुएट होती है। इन्हें टीचरों कहा मासिक वेतन बहुत कम होता हैं। इन्हें टीचरों कहा मासिक वेतन 3500-4000 रुपऐ होता है इन्हें प्राइवेट स्कूलों कि फीस ज्यादा होती है जैसे कोई बच्चा फस्ट कलाश मे पढाई करने आता है तो उसे बच्चे कि फिस 2500 रुपए होती हैं। जैसे जैसे बच्चा आगे बढता है वैसे वैसे बच्चों कि फिस बढती है। आज के द्वार मे बच्चों के माता पिता साचते है। कि मेरे पडोसियों कहा बच्चा उसे स्कूल में जाता है तो मेरा बच्चा भी उसे स्कूल में जाना चाहिए।क्योंकि माता पिता सोचते है कि चाहिए फिस कितनी लेगें लेकिन बच्चा भी उसे स्कूल में जाना चाहिए।
सरकारी स्कूल
मेरा मानना है कि आप बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढना चाहिए क्योंकि वह टीचर क्वालीफाई मे B.ed. M.A आदि कि डिग्री हासिल कर के आते हैं। जो टीचर बनते हैं वह टीचर कंपटीशन परीक्षा पास करें कह आते हैं। इसलिए मेरा सुझाव है कि आपको अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा दाखिल दिलाने में दिलचस्प होना चाहिये क्योंकि वहां पर आपको कोई भी फिस नहीं देनी पड़ती हैं। आज राजस्थान में सरकारी स्कूलों में पोषाहार वितरित किया जाता हैं। हप्ते मे अलग अलग पोषाहार वितरित किया जाता हैं। आज पोषाहार कहें साथ में दूध भी वितरित किया जाता हैं।
सरकारी स्कूल वह प्राइवेट स्कूल में अन्तर
सरकारी स्कूल में आपको सारी चीजें मुफ्त मिलती हैं वहीं आपको प्राइवेट स्कूल मैं आपको सारी चीजें कि कीमत चूकानी पडती है।
सरकारी स्कूल मे जो टीचर आते हैं उनकी क्वालीफाई होती हैं। जो प्राइवेट स्कूल के टीचर की कोई क्वालीफाई नहीं होती हैं।
आज सरकारी स्कूल मे कम्प्यूटर,लैब्स सारी चीजें होती हैं। प्राइवेट स्कूल यदि यह कम्प्यूटर, लैब होते हैं तो उनकी अलग से फीस लहते है।
आज सरकारी स्कूल में किताब फिरी मिलती है प्राइवेट स्कूल में किताब का पैसा लेते हैं।
सरकारी स्कूल में आपको सारी सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। मेरा मानना है कि आप अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में दाखिला दिलाने कहा प्रयास करें हैं।





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