एक आलसी राजा और बुद्धिमान मंत्री
एक समय की बात है, एक राज्य में एक आलसी राजा रहता था। वह हमेशा महल में ही रहता था और उसे कोई भी काम करना पसंद नहीं था। राजा का मंत्री, जो बहुत बुद्धिमान था, राजा को हमेशा काम करने के लिए प्रेरित करता था, लेकिन राजा सुनता ही नहीं था।
एक दिन, मंत्री ने राजा को एक कहानी सुनाई। उसने कहा, "महाराज, एक बार एक राजा था जो बहुत आलसी था। वह भी आपके जैसा ही था। एक दिन, उसने सोचा कि वह एक पेड़ लगाएगा। उसने एक बीज लिया और उसे जमीन में बो दिया। उसने सोचा कि वह पेड़ अपने आप ही उग जाएगा। लेकिन, उसने पेड़ को पानी नहीं दिया, खाद नहीं डाली और न ही उसकी देखभाल की। </br>
कुछ दिनों बाद, राजा ने देखा कि पेड़ नहीं उग रहा है। वह बहुत दुखी हुआ। उसने मंत्री से पूछा, "मैंने तो बीज बो दिया था, फिर भी पेड़ क्यों नहीं उग रहा है?" मंत्री ने उत्तर दिया, "महाराज, आपने पेड़ को पानी नहीं दिया, खाद नहीं डाली और न ही उसकी देखभाल की। आपने सिर्फ बीज बो दिया, लेकिन आपने कोई मेहनत नहीं की। इसलिए, पेड़ नहीं उग रहा है।" </br>
राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने मंत्री से कहा, "तुम सही कह रहे हो। मैंने कोई मेहनत नहीं की, इसलिए पेड़ नहीं उग रहा है। अब मैं मेहनत करूंगा और पेड़ को बड़ा करूंगा।" </br>
राजा ने फिर से मेहनत करनी शुरू कर दी। उसने पेड़ को पानी दिया, खाद डाली और उसकी देखभाल की। कुछ ही समय में, पेड़ उगने लगा और हरा-भरा हो गया। </br>
राजा ने सीखा कि बिना मेहनत के कुछ भी हासिल नहीं होता। उसने आलसी रहना छोड़ दिया और मेहनती बन गया। </br>
शिक्षा: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा मेहनती रहना चाहिए और बिना मेहनत के कुछ भी हासिल नहीं होता।



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